नवी मुंबई। डॉक्टरों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में समय से पहले जन्म की दर बढ़ रही है और गर्भधारण की बढ़ती उम्र भी इसका एक कारण है। जो माताएं अपने उम्र 40 या बाद में गर्भधारण करती हैं, उनमें समय से पहले जन्म का जोखिम अधिक होता है। प्रीमेच्योरिटी निर्दिष्ट अवधि (37 सप्ताह) से पहले बच्चे का जन्म है। इन बच्चों का विकास पर्याप्त नहीं होता है और इनका वजन कम होता है, इसलिए पहले कुछ दिनों में इन शिशुओं की बहुत अधिक देखभाल करना आवश्यक होता है।